एकता के सामने सरकार झुकी है परंतु भरोसेमंद नहीं – कुलविंदर
देश के वकीलों को अगले आंदोलन के लिए भी तैयार रहना चाहिए यदि सरकार अपनी गलत मंशा दर्शाती है

एकता के सामने सरकार झुकी है परंतु भरोसेमंद नहीं – कुलविंदर
जमशेदपुर- केंद्र सरकार के अधिवक्ता अधिनियम (संशोधन) 2025 के प्रारूप को वापस लेने को शहर के अधिवक्ता कुलविंदर सिंह ने देश के 27 लाख अधिवक्ताओं की एकता की जीत बताया है कुलविंदर सिंह के अनुसार केंद्र सरकार के विधि विभाग के सचिव द्वारा लिखित रूप से बार काउंसिल आफ इंडिया को जानकारी देने के साथ-साथ देश के इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया को पत्र भेजा गया है कि प्रारूप को लेकर आमंत्रित किए जाने वाले विचार की प्रक्रिया बंद की जा रही है और बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया तथा संबंधित पक्ष से वार्ता करने के बाद ही अगली प्रक्रिया शुरू होगी।
कुलविंदर सिंह के अनुसार बार काउंसिल आफ इंडिया के चेयरमैन एवं सांसद मनन कुमार मिश्रा ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि प्रारूप के जिन पहलुओं पर उनकी ओर से आपत्ति दर्ज की गई थी इनकी अनदेखी विभाग के अधिकारियों ने की है
बार काउंसिल आफ इंडिया के चेयरमैन के शब्दों से सबक लेते हुए देश के 27 लाख वकीलों को सचेत होने की जरूरत है
सरकार लिटमस टेस्ट की तरह विरोध को देख रही है और मौका पाते ही इस प्रारूप को कानून का रूप देने में देरी नहीं करेगी पूर्व में ऐसे कई दृष्टांत है जब सरकार ने आंदोलन को देखते हुए अपने प्रारूप वापस इस आश्वासन के साथ लिए कि वह संबंधित पक्ष के साथ वार्ता कर उचित कानून बनाएगी लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ और सरकार मनमानी करती आ रही है। देश के वकीलों को अगले आंदोलन के लिए भी तैयार रहना चाहिए यदि सरकार अपनी गलत मंशा दर्शाती है।